LIVE: एकनाथ शिंदे ने दिए CM पद छोड़ने के दिए संकेत, बोले- PM मोदी का फैसला होगा मंजूर

महाराष्ट्र चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी महायुति से कौन मुख्यमंत्री बनेगा, ये अब तक तय नहीं हो पा रहा है. बैठकों का दौर जारी है. इस बीच एकनाथ शिंदे ने एक तरह से CM पद छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. शिंदे ने बुधवार को ठाणे में प्रेस कॉन्प्रेंस के दौरान कहा, “मैंने PM मोदी को फोन किया था. उन्हें बताया कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, मन में कोई अड़चन न लाएं. हम सब NDA का हिस्सा हैं. वो जो फैसला लेंगे, वो मंजूर होगा. अगर वो BJP के लिए फैसला लेते हैं या किसी और के लिए निर्णय लेते हैं… वो हमें मंजूर होगा.”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं खुद को मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आम आदमी के तौर पर देखता हूं. बड़ी संख्या में लोगों ने हमारा साथ दिया. महायुति की विजय वास्तव में जनता की विजय है. शानदार जीत के लिए जनता का धन्यवाद करता हूं.” उन्होंने कहा, “शिंदे रोने वालों में नहीं है. मैं लड़ने वालों में हूं. मैं अपनी लाड़ली बहनों को लड़ाका भाई हूं. मैं भागने वाला नहीं, बल्कि समाधान करने वाला व्यक्ति हूं. महाराष्ट्र के लिए मैं आखिरी दम तक काम करूंगा.” शिंदे ने कहा, “मैं नाराज होने वालों में नहीं हूं. महायुति के हित में जो भी फैसला लिया जाएगा, हम उसके खिलाफ नहीं जाएंगे.”

दिल्ली में गुरुवार को महायुति की बैठक
वहीं, महायुति ने गुरुवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है. इसमें देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल होंगे. मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस के बीच BJP ने फिर से साफ किया है कि महायुति गठबंधन बना है बना रहेगा. BJP ने कहा, “हम तीन दोस्त हैं. ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे.”

चुनाव में BJP ने जीती 132 सीटें
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की है. BJP ने अकेले 132 सीटें जीती. शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और अजित पवार गुट ने 41 सीटें पाई हैं. वहीं, महाविकास अघाड़ी ने 46 सीटों पर जीत हासिल की. उद्धव गुट ने 20 और शरद पवार गुट को 10 सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस के हाथ में सिर्फ 16 सीटें आईं.

BJP विधायकों की मांग- फडणवीस बने CM
सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद पर देखना चाहती है. वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना चाहती है कि उनके नेता एकनाथ शिंदे ही एक बार फिर सूबे की बागडोर संभालें. बीजेपी अब अपने सहयोगी के साथ बातचीत कर रही है, ताकि मतभेदों को दूर किया जा सके और सीएम के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकें. इन सब के बीच बीजेपी ने ये साफ कर दिया है कि सीएम के नाम के ऐलान को लेकर उन्हें किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं है. 

शिवसेना एकनाथ शिंदे को चाहती है सीएम
महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच शिवसेना के प्रवक्ता ने एक बड़ा बयान दिया है. शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने बुधवार को कहा कि सीएम किस पार्टी का हो इसके लिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आखिर किस दल के सबसे ज्यादा विधायक हैं. सवाल है आंदोलन का सामना किसने किया है? इस चुनाव में जो जीत मिली है उसके पीछे शिंदे साहब का चेहरा सबसे अहम रहा है. शिरसाट ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि इस जीत में आरएसएस का सहयोग भी रहा लेकिन संघ का रोल चुनाव के बाद खत्म हो गया. वो राजनीतिक फैसलों में नहीं पड़ते हैं. त्याग तो हमने किया था. सत्ता छोड़कर आये थे. गद्दारी, धोखा क्या-क्या आरोप नही लगे थे लेकिन हमने सबसे उबर कर दिखाया. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संदेश नहीं आया है. शिरसाट ने रामदास आठवले की बातों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि रामदास आठवले को गंभीरता से मत लीजिए. मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि शिंदे साहब महाराष्ट्र की राजनीति छोड़कर दिल्ली नहीं जाएंगे. और हमारे पास ऐसा कोई ऑफर अभी तक आया भी नहीं है.

BJP नेता बोले- हम 3 दोस्त हैं
महाराष्ट्र में BJP नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “मुख्यमंत्री महायुति से ही होंगे. मुझे नहीं लगता कि कोई जल्दबाजी है. जब मौजूदा सरकार एक पार्टी की होती है और चुनी हुई सरकार दूसरी पार्टी की होती है, तो जल्दबाजी होती है. हमारी सरकार अभी भी सत्ता में है. इसलिए कोई जल्दी नहीं है. फिल्म ‘शोले’ के 2 दोस्त थे, हम 3 दोस्त हैं. ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे.”

#WATCH | Mumbai, Maharashtra: BJP leader Sudhir Mungantiwar says, “The CM will be from Mahayuti. I don’t think there is any haste. When the incumbent government is of one party and the elected government is of another party, there is haste…We still have our government in power,… pic.twitter.com/eSzJkTh76B

— ANI (@ANI) November 27, 2024

मंत्रिमंडल में कौन-कौन हों, इसकी चर्चा भी हुई शुरू
महायुति द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा में देरी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है,वहीं भाजपा सूत्रों का कहना है कि उन्हें सरकार बनाने की कोई जल्दी नहीं है. एक सूत्र ने बताया कि हम किसी समय सीमा पर विचार नहीं कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार गठन में दो सप्ताह लग गए.मुख्यमंत्री पद के अलावा बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के नेताओं को मंत्री पद पर भी सहमति बनाने की जरूरत है.  महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत कुल 43 मंत्री हो सकते हैं. महायुति के 230 में से 132 सीटें जीतने वाली भाजपा को मंत्री पद का आधा हिस्सा मिलने की संभावना है, जबकि बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी जाएंगी. 

बीजेपी इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है
2022 में जब एकनाथ  शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुए विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई थी, तब भाजपा ने विधानसभा में अधिक संख्याबल होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया था. फडणवीस ने उस दौरान पार्टी हाईकमान ने उन्हें जो पद (उपमुख्यमंत्री) दिया था वो उन्होंने स्वीकार कर लिया था. लेकिन अब जब इस चुनाव में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो बीजेपी इस पद को अपने सहयोगी दल के लिए छोड़ना नहीं चाहती है.

भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता देवेंद्र फडणवीस को अगला सीएम देखना चाहते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा की वैचारिक मातृ संस्था आरएसएस भी नागपुर दक्षिण पश्चिम के विधायक का समर्थन कर रही है.

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