विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यहां एक दूसरे का अभिवादन किया. शरीफ ने एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के सम्मान में अपने आवास पर रात्रिभोज दिया था और इसी दौरान शरीफ और जयशंकर ने एक दूसरे का अभिवादन किया. जयशंकर और शरीफ ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बातचीत भी की. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में किसी तरह की नरमी आने का कोई संकेत नहीं मिला है. पिछले करीब 9 साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे के अलावा पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद एक बयान में कहा गया कि यह भारत को तय करना है कि वह सम्मेलन के दौरान पाकिस्तानी पक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहता है या नहीं. पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि एससीओ बैठक के मेजबान के रूप में पाकिस्तान मेहमानों की पसंद के अनुसार काम करेगा. हम प्रस्ताव नहीं दे सकते. हमें मेहमानों के अनुसार काम करना होगा. अगर मेहमान द्विपक्षीय बैठक चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से बहुत खुशी होगी. हालांकि, भारत और पाकिस्ता की द्विपक्षीय को लेकर संभावनाएं बहुत कम है. भारत और पाकिस्तान दोनों ने एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक के इतर जयशंकर और पाकिस्तान के उनके समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है.इससे पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी. वह आठ-नौ दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा पर आयी थीं. उस समय जयशंकर भारत के विदेश सचिव के नाते सुषमा स्वराज के शिष्टमंडल का हिस्सा थे. सुषमा स्वराज ने उस यात्रा में तत्कालीन पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज से बातचीत की थी.हालांकि, पाकिस्तान की धरती से आतंकवादियों के भारत पर हमलों ने संबंधों को नुकसान पहुंचाया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना होती है और इसमें संगठन के व्यापार तथा आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है.पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मई 2023 में भारत आए थे. यह लगभग 12 वर्षों में पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी. पाकिस्तान ने अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी को SCO समिट में शामिल होने का इनवाइट भेजा था. लेकिन, दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों के चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समिट में शामिल हुए हैं. जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान जाने का इकलौता मकसद SCO है, वे दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा नहीं करेंगे.भारत के अलावा रूस और चीन, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति भी SCO समिट में शिरकत कर रहे हैं. मंगोलिया के प्रधानमंत्री (पर्यवेक्षक राज्य) और मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री (विशेष अतिथि) भी बैठक में भाग लेंगे. इसके मद्देनजर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए इस्लामाबाद में लॉकडाउन लगा दिया गया है. साथ ही पूरे शहर में 3 दिन के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है.जयशंकर ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान दौरे को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं. मैं वहां SCO का एक अच्छा सदस्य बनने जा रहा हूं. आप जानते हैं, चूंकि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा.”SCO समिट को लेकर तैयारी ऐसी है, मानो इस्लामाबाद में लॉकडाउन लग गया हो. 3 दिन तक सरकारी छुट्टी घोषित की गई है. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. शरीफ सरकार ने इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए इंसाफ़ के प्रदर्शनों को रोकने के नाम पर ये इंतज़ाम किया है.
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