केंद्र सरकार ने आगमी विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को ये बड़ी सौगात दी है. मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी यूपीएस (UPS) को लागू करने का फैसला किया है. जिसके बाद से देशभर में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर चर्चा हो रही है. सरकार इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू करने की तैयारी में है.ऐसे में हर सरकारी कर्मचारी को लिए ये समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है? इसके फायदे क्या-क्या हैं? इसके तहत किसे पेंशन का मिल पाएगा और जिन लोगों ने नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS के तहत फायदा लिया है, क्या वे अब इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं? क्या NPS से UPS में स्विच किया जा सकता है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने जा रहे हैं…
करीब 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा UPS का फायदा
हाल में केंद्र सरकार ने एक नई पेंशन स्कीम का ऐलान किया है. जिसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है. इस योजना का मकसद सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन देना है. इसका फायदा केंद्र सरकार के करीब 23 लाख कर्मचारियों को मिलने वाला है.
जानें Unified Pension Scheme की 10 बड़ी बातें
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत 25 साल या इससे ज्यादा समय तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को पूरी पेंशन का लाभ मिलेगा. उन्हें रिटायर होने के बाद हर महीने उनकी आखिरी 12 महीने की एवरेज सैलरी का आधा यानी 50% पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. हालांकि, अगर कोई कर्मचारी 25 साल से कम काम करता है तो उसे उसी हिसाब से पेंशन दी जाएगी. इस स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल काम करना जरूरी है.सरकार ने UPS पेंशन फंड में अपना योगदान भी बढ़ा दिया है.पहले इसमें सरकार की तरफ से 14 प्रतिशत का कॉन्ट्रीब्यूशन किया जाता था, लेकिन अब यूपीएस के तहत सरकार का कॉन्ट्रीब्शून बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो गया है.यूपीएस के तहत कर्मचारी को फैमिली पेंशन का भी फायदा भी मिलेगा. यदि नौकरी के दौरान या रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो पति या पत्नी को पेंशन दी जाएगी लेकिन पेंशन अमाउंट कर्मचारी को मिल रही पेंशन का 60 % होगा.यूपीएस के तहत सरकार ने एश्योर्ड मिनिमम पेंशन की भी गारंटी दी है. इसके तहत कम से कम 10 साल की काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर हर महीने 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी. यूनिफाइड पेंशन स्कीम के जरिये सरकारी कर्मचारियों को इंफ्लेशन इंडेक्सेशन का भी फायदा मिलेगा. यानी अगर महंगाई बढ़ती है तो रिटायर कर्मचारियों के साथ-साथ फैमिली पेंशन का लाभ उठा रहे लोगों को ज्यादा पेंशन मिलेगी.इतना ही नहीं, UPS के तहत सरकार की तरफ से महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा.यानी महंगाई के अनुसार नौकरी करने वाले या रिटायर कर्मचारियों की पेंशन भी बढ़ जाएगी. जब कोई कर्मचारी रिटायर हो जाएगा तो यूपीएस के तहत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के अलावा सरकार की तरफ से कुछ एकमुश्त पैसे भी दिए जाएंगे.इसके तहत कर्मचारी को प्रत्येक छह माह की सर्विस के लिए उसके अंतिम मासिक वेतन यानी रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फ़ीसदी भुगतान किया जाएगा.इस एकमुश्त भुगतान से गारंटेड पेंशन की राशि या मात्रा कम नहीं की जाएगी.UPS के तहत पेंशन केवल उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो फिलहाल NPS सब्सक्राइबर हैं .. इनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं. साल 2004 में NPS के लागू किए जाने से लेकर 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले तक जितने भी कर्मचारी रिटायर होंगे, वे सभी यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा ले सकेंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार की इस योजना को राज्य सरकारें भी लागू कर सकेंगी. इससे राज्यों के 90 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.सरकारी कर्मचारी एनपीएस या यूपीएस में से कोई भी स्कीम चुन सकते हैं. अगर किसी कर्मचारी ने एक बार UPS के तहत लाभ लेने का फैसला कर लिया, तो वह NPS में फिर से नहीं लौट सकता है.सरकार का कहना है कि यूपीएस के लागू होने से 99 फीसदी कर्मचारियों को फायदा होने वाला है. UPS से सरकारी खजाने पर हर साल 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है. हालांकि, कर्मचारियों की संख्या में बदलाव होते रहने से हर साल इसपर खर्च अलग-अलग होगा.
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